*तेजस्विनी ट्रस्ट की चार महिलाओं ने ‘ग्रामीण हीरो’ प्रतियोगिता में परचम लहराया, आत्मनिर्भरता के सपनों को मिला सीड फंडिंग का संबल*
*देहरादून(अंकित तिवारी):
उत्तराखंड की धरती पर महिला सशक्तिकरण की एक नई मिसाल कायम हुई है। तेजस्विनी चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ी चार जुझारू और नवाचारी महिलाओं ने हाल ही में आयोजित “ग्रामीण हीरो” पिचिंग प्रतियोगिता में अपने अद्वितीय विचारों और दृढ़ संकल्प से निर्णायकों को न केवल प्रभावित किया, बल्कि अपनी उद्यमशीलता का लोहा मनवाते हुए ₹1 लाख प्रति व्यक्ति की सीड फंडिंग भी प्राप्त की।
यह प्रतियोगिता महिला उद्यमियों को मंच देने और ग्रामीण क्षेत्रों से नवाचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। इसका संयोजन उत्तराखंड की प्रतिष्ठित मार्केटिंग एवं कंसल्टिंग फर्म DivIn Pro द्वारा किया गया। प्रदेश भर से आई सैकड़ों महिला प्रतिभागियों में से चुनी गईं इन चार महिलाओं की सफलता, न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष की गाथा है, बल्कि सामाजिक बदलाव की एक प्रेरणादायक कहानी भी है।
*ये हैं वो चार ग्रामीण हीरो जिन्होंने देश का सिर गर्व से ऊँचा किया:*
*अदिति शर्मा (ट्रांसजेंडर उद्यमी, फूड ट्रक व्यवसाय)*
समाज की पारंपरिक सीमाओं को लांघकर आदिति ने एक ऐसा फूड ट्रक व्यवसाय शुरू किया है, जिसमें स्वाद के साथ समावेशिता की भावना भी परोसी जाती है। वह न सिर्फ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक सशक्त प्रतीक बनकर उभरी हैं।
*पुष्पा रानी सिंह (“रस परणा ग्रीन” – घरेलू मसाले)*
पारंपरिक ग्रामीण स्वाद और स्वदेशी ज्ञान को आधुनिक बाजार से जोड़ने का सपना लेकर पुष्पा ने ‘रस परणा ग्रीन’ नाम से घरेलू मसालों का ब्रांड शुरू किया। उनकी यह पहल न केवल ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देती है, बल्कि उपभोक्ताओं को शुद्धता से भरपूर स्वाद का अनुभव भी कराती है।
*फरज़ाना ख़ान (मशरूम उत्पादन, महिला SHG नेतृत्व)*
फरज़ाना न केवल एक सफल उद्यमी हैं, बल्कि महिला स्वयं सहायता समूहों की प्रभावशाली नेता भी हैं। ‘धरा’ नामक मशरूम उत्पादन इकाई के माध्यम से उन्होंने जोगीवाला क्लस्टर की अनेक महिलाओं को आजीविका से जोड़ा है। उनका नेतृत्व सामाजिक और आर्थिक बदलाव की मिसाल बन चुका है।
*जेसल सिंह (“Dakshini” – दक्षिण भारतीय भोजन सेवाएं)*
जेसल ने उत्तराखंड में दक्षिण भारतीय व्यंजनों की संस्कृति को लोकप्रिय बनाने का बीड़ा उठाया है। उनका ब्रांड “Dakshini” न केवल स्वाद का संगम प्रस्तुत करता है, बल्कि महिला उद्यमिता की नई परिभाषा भी गढ़ता है। उनका उद्देश्य पारंपरिक व्यंजनों को घर-घर तक पहुंचाना है।
*आयोजकों की प्रतिक्रिया:*
तेजस्विनी ट्रस्ट की संस्थापक प्रिया गुलाटी ने इस अवसर पर कहा:
“हमारा उद्देश्य केवल प्रेरणा देना नहीं है, बल्कि महिलाओं को सक्षम बनाना है ताकि वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। आज जब हमारी चार साथी महिलाएं सीड फंडिंग के साथ अपने व्यवसाय को नई दिशा देने जा रही हैं, यह हमारे लिए अत्यंत गर्व और संतोष का क्षण है।”
*वहीं DivIn Pro की संस्थापक जूही गर्ग ने कहा:*
“ग्रामीण भारत में असीम संभावनाएं छिपी हैं। तेजस्विनी ट्रस्ट की महिलाएं इस बात का प्रमाण हैं कि यदि सही दिशा और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, तो महिलाएं हर सामाजिक व आर्थिक बाधा को पार कर सकती हैं। DivIn Pro को इस ऐतिहासिक पहल का हिस्सा बनने पर गर्व है।”
*कार्यक्रम की अन्य झलकियां:*
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों की पिचिंग प्रस्तुतियों के साथ-साथ उद्यमिता, विपणन और वित्तीय साक्षरता पर कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं। निर्णायकों के पैनल में राज्य के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता, व्यवसाय सलाहकार और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ शामिल थे।
मंच पर संगीता वर्मा और सुनीता देवी जैसे स्थानीय महिला नेताओं की उपस्थिति ने आयोजन को और गरिमामयी बनाया।
तेजस्विनी ट्रस्ट की दिशा और दृष्टि:
तेजस्विनी ट्रस्ट, वर्षों से ग्रामीण और वंचित समुदायों की महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह दिखाने में संलग्न है। “शक्ति का उत्सव”, “स्वावलंबन यात्रा”, और अब “ग्रामीण हीरो” जैसे आयोजनों के माध्यम से ट्रस्ट लगातार जमीनी बदलाव की ओर अग्रसर है।
इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब महिलाओं को समान अवसर, संसाधन और समर्थन मिलता है, तो वे न केवल अपनी जिंदगी बदलती हैं, बल्कि पूरे समाज को एक नई दिशा देती हैं।
यह सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं थी, यह था – आत्मविश्वास, उद्यमिता और सामाजिक बदलाव का उत्सव।




