✍️ पवन रावत,घोड़ाखाल/नैनीताल।
सैनिक स्कूल घोड़ाखाल ने अपने हीरक जयंती समारोह के अवसर पर अंतर-विद्यालय लोकनृत्य प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया। विद्यालय के सभागार में संपन्न इस कार्यक्रम में क्षेत्र के पंद्रह प्रतिष्ठित विद्यालयों ने भाग लेकर भारत की विविध सांस्कृतिक परंपराओं को मंच पर जीवंत किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. हरीश रौतेला तथा विशिष्ट अतिथि भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी हेम आर्या द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस अवसर पर प्रथम महिला श्वेता डंगवाल ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। दीप प्रज्ज्वलन समारोह ने ज्ञान और प्रकाश के संदेश को उजागर किया, जिसके पश्चात छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यालयों में शामिल थे अशोक हॉल गर्ल्स रेजिडेंशियल स्कूल रानीखेत, आर्मी पब्लिक स्कूल रानीखेत, भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय नैनीताल, जवाहर नवोदय विद्यालय, मोहन लाल शाह बालिका विद्या मंदिर नैनीताल, ग्रीन माउंट ग्लोबल स्कूल भीमताल, सनवाल स्कूल नैनीताल, नैन्सी कॉन्वेंट स्कूल नैनीताल, हर्मन माइनर स्कूल भीमताल, पीएम अटल उत्कृष्ट राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज पटलोट, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय खनस्यूं (ओखलकांडा), निर्मला कॉन्वेंट स्कूल गेठिया, डेविटो स्कूल भवाली, लेक्स इंटरनेशनल स्कूल भीमताल तथा आयोजक विद्यालय सैनिक स्कूल घोड़ाखाल।
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागी टीमों ने भारत के विभिन्न राज्यों के लोकनृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे पूरा सभागार ताल, रंग और उत्साह से गूंज उठा। यह आयोजन सुमन निर्मल मिंडा फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित था।
इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देना, भारत की पारंपरिक कलाओं के प्रति सम्मान जागृत करना और “विविधता में एकता” के संदेश को सशक्त बनाना रहा जो सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की मूल भावना के अनुरूप है।
मुख्य अतिथि डॉ. हरीश रौतेला ने विजेताओं की घोषणा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों में सृजनात्मकता, अनुशासन और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति गर्व की भावना विकसित करते हैं।
परिणाम इस प्रकार रहे⬇️
प्रथम स्थान: सैनिक स्कूल घोड़ाखाल
द्वितीय स्थान: मोहन लाल शाह बालिका विद्यालय, नैनीताल
तृतीय स्थान: लेक्स इंटरनेशनल स्कूल, भीमताल
विशेष सम्मान: निर्मला कॉन्वेंट स्कूल, गेठिया
विद्यालय के प्रधानाचार्य ग्रुप कैप्टन विजय सिंह डंगवाल ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर आभार व्यक्त किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि विद्यालय की 60वीं वर्षगांठ केवल उपलब्धियों का उत्सव नहीं, बल्कि राष्ट्रसेवा और अनुशासन के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसने इस सांस्कृतिक उत्सव को गरिमामय और यादगार समापन प्रदान किया।

