नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष समेत 7 पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज,आरोपियों में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का बेटा भी शामिल।
काठगोदाम (हल्द्वानी)-13 अक्टूबर 2025
हल्द्वानी के काठगोदाम थाने में नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल समेत 7 लोगों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है। जिसके बाद राजनैतिक गलियारों में हड़कंप मच गया। हल्द्वानी के गौलापार देवला तल्ला, पजाया क्षेत्र में सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त के 13 साल पुराने मामले में अब पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। काठगोदाम थाना पुलिस ने जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरम्वाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के बेटे हरेन्द्र कुंजवाल सहित सात लोगों के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी) में मुकदमा दर्ज किया है। यह कार्रवाई आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल के निर्देश पर कार्रवाई की गई। बसंतपुर, किशनपुर गौलापार निवासी रविशंकर जोशी ने अगस्त 2025 में आईजी कुमाऊं को शिकायत पत्र भेजकर आरोप लगाया था कि आरोपितों ने यह जानते हुए भी विवादित भूमि की खरीद की कि वह सरकारी जमीन से जुड़ी है। शिकायत में कहा गया था कि इस लेन-देन से राजकीय कोष को नुकसान पहुंचाया गया है। मामले की जांच कमिश्नर की अध्यक्षता वाली लैंड फ्रॉड जांच समिति को सौंपी गई थी। आईजी रिद्धिम अग्रवाल के मुताबिक, जांच में सभी आरोपियों की भूमिका और संलिप्तता पाई गई, जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
नैनीताल जिला पंचायत समेत 7 पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज⤵️
दरअसल नैनीताल जिले की राजनीति से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के बेटे हरेंद्र कुंजवाल समेत 7 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की (धारा 420) का मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मामला गौलापार क्षेत्र के देवला तल्ला पजाया गांव में सरकारी जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त से जुड़ा बताया जा रहा है।
आरोपियों में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का बेटा भी शामिल⤵️
मिली जानकारी के अनुसार, आरोपियों में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के पुत्र का नाम भी शामिल है। इस जमीन प्रकरण की जांच कमिश्नर और आईजी की लैंड फ्रॉड समिति द्वारा की गई थी। समिति की रिपोर्ट में अनियमितताएं पाए जाने के बाद मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किए गए हैं।
सरकारी जमीन की खरीद से जुड़ा है मामला⤵️
पुलिस ने इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि सरकारी जमीन को निजी संपत्ति दिखाकर खरीद-फरोख्त की गई थी, जिससे शासन को करोडों के राजस्व का नुकसान हुआ है। मामले को लेकर एसपी सिटी प्रकाश आर्य ने बताया की इस पूरे मामले में अन्य संबंधित दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
मामले की जांच शुरू⤵️
एसपी सिटी प्रकाश आर्य ने बताया कि सभी आरोपियों पर धोखाधड़ी, जालसाजी और साजिश रचने से जुड़ी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता रवि शंकर जोशी ने लैंड फ्रॉड समिति से इस जमीन घोटाले की शिकायत की थी। जिसके बाद यह मुकदमा दर्ज किया गया है।
प्रशासन की भूमिका:⤵️
आरटीआई (RTI) कार्यकर्ता रविशंकर जोशी का कहना है कि जिलाधिकारी ने एसडीम को तत्काल जमीन पर कब्जा लेने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद भी अब तक जमीन पर कब्जा नहीं लिया गया है और प्रशासन की भूमिका भी इस पूरे मामले में संदिग्ध नजर आ रही है।
रजिस्ट्री के जरिए जमीन खरीदी है और प्रकरण फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है⤵️
इस पूरे घटनाक्रम पर दीपा दरम्वाल ने कहा कि उन्होंने रजिस्ट्री के जरिए जमीन खरीदी है और प्रकरण फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है। हम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करेंगे। हमें दर्ज मुकदमे की जानकारी नहीं थी। वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बेटे हरेन्द्र कुंजवाल ने वैधानिक प्रक्रिया के तहत जमीन खरीदी है। “दाखिल-खारिज उनके नाम है। अगर किसी तरह की गड़बड़ी है, तो कार्रवाई जमीन बेचने वाले के खिलाफ होनी चाहिए। कोर्ट का जो भी फैसला होगा, हम उसका सम्मान करेंगे।




