✍️सुभाष पिमोली, थराली।
आपदा प्रभावित थराली क्षेत्र में शुक्रवार को पूर्व विधायक डॉ. जीतराम ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। इस दौरान वे राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज, कुलासरी में बनाए गए राहत केंद्र पहुँचे और वहाँ ठहरे आपदा प्रवाहितों से बातचीत की। उन्होंने बच्चों संग खेलकर उनका मनोबल बढ़ाया और सभी को भरोसा दिलाया कि कठिन परिस्थिति में वे अकेले नहीं हैं।
डॉ. जीतराम ने कहा कि आपदा में जिन लोगों के घर उजड़ गए हैं, उनके पुनर्निर्माण के लिए शासन-प्रशासन से पहल कराई जाएगी। साथ ही जिनका रोजगार छिन गया है, उन्हें स्वरोजगार और रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि प्रभावित परिवारों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।
पूर्व विधायक ने चेपड़ों सहित कई आपदा प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। कुलसारी राहत केंद्र में उन्होंने अधिकारियों व कर्मचारियों से भी बातचीत की और वहाँ उपलब्ध कराई गई सुविधाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों का मनोबल टूटने न पाए, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
इस दौरान राहत केंद्र में ठहरी एक महिला ने कहा, “हमारा घर मलबे में दब गया, अब छत तक नहीं बची। बच्चों की पढ़ाई और रोज़मर्रा का खर्च सबसे बड़ी चिंता है। सरकार और नेता अगर हमारी मदद करें तो हम फिर से खड़े हो सकते हैं।” वहीं एक अन्य प्रभावित व्यापारी कृष्णा सिंह ने कहा, “दुकान का सारा सामान बह गया है, लोन कैसे चुकाऊँगा समझ नहीं आ रहा। हमें तुरंत आर्थिक मदद की जरूरत है।”
डॉ. जीतराम ने सरकार से मांग की कि आपदा में भारी नुकसान झेल चुके व्यापारियों और स्वरोजगारियों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की जाए। उन्होंने कहा कि कई व्यापारी बैंकों से ऋण लेकर अपना रोजगार चला रहे थे, लेकिन आपदा ने उनकी मेहनत को तहस-नहस कर दिया है। अब ऐसे लोगों को पुनः खड़ा करने की जिम्मेदारी सरकार पर है।
उन्होंने विश्वास जताया कि थराली की जनता ने हमेशा कठिन परिस्थितियों का धैर्य से सामना किया है और इस बार भी सामूहिक सहयोग से क्षेत्र शीघ्र ही फिर से जीवंत हो जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों के काम-धंधे दोबारा पटरी पर आएँगे और थराली के पुनर्निर्माण में सरकार व समाज दोनों को मिलकर योगदान देना होगा।