✍️ उत्तम सिंह, ऋषिकेश
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश का प्रशासन एक बार फिर सवालों के घेरे में है। संस्थान में वर्षों से अपनी सेवाएँ दे रहे संविदा कर्मचारियों के अनुबंध का नवीनीकरण रोका जा रहा है, जबकि कुछ चुनिंदा कर्मचारियों को “सांठगांठ” के ज़रिए निदेशक स्तर से विशेष स्वीकृति दिलाकर सेवा विस्तार दे दिया गया है।
न्यायालय आदेश की अनदेखी
सूत्रों के अनुसार, संबंधित माननीय न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया था कि इन कर्मचारियों के पदों पर यथास्थिति बनाए रखी जाए। बावजूद इसके प्रशासन ने कई संविदा कर्मियों के अनुबंध नहीं बढ़ाए। इससे कर्मचारियों की रोज़ी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है और न्यायिक प्रक्रिया की भी अवहेलना हो रही है।
वर्षों से लंबित वेतनवृद्धि
कर्मचारियों का कहना है कि वे वर्ष 2018 से वेतनवृद्धि की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके बावजूद अब तक न तो कोई निर्णय लिया गया और न ही उनकी मांगों को गंभीरता से सुना
गया।
एम्स प्रशासन की चुप्पी जारी
कर्मचारियों ने प्रशासन पर भेदभावपूर्ण और मनमानी रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि संस्थान केवल चहेते कर्मचारियों को लाभ पहुंचा रहा है। वहीं, पूरे मामले पर एम्स प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।