✍️मनमोहन भट्ट, उत्तरकाशी।
खबर उत्तरकाशी से है जहां पर संयुक्त रोटेशन व्यवस्था समिति उत्तरकाशी डीपो नं- 4 में व्यवस्था समिति के पदाधिकारियों की मनमानी को लेकर वाहन स्वामी काफी दिनों से आक्रोशित थे और विभिन्न मांगों को लेकर व कार्यकारिणी में चुनाव की मांग कर रहे थे लेकिन पुरानी कार्यकारिणी चुनाव के मुद्दे को नजर अंदाज कर रही थी जिस पर आक्रोशित वाहन स्वामियों ने बैठक का एजेंडा लगाकर सोमवार 1 सितम्बर को बैठक कर पुरानी कार्यकारिणी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया। और पुरानी कार्यकारिणी को भंग करते हुए नई कार्यकारिणी का गठन किया। जिसमें सर्वसम्मति से अध्यक्ष पद के लिए नरेंद्र कैन्तुरा व उपाध्यक्ष पद मनमोहन सिंह नेगी तथा कोषाध्यक्ष पद पर धीरेंद्र बिष्ट एवं संरक्षक पद हेतु गंगा सिंह भंडारी व संचालक मंडल में प्रवीन रांगड, गुरुदेव रावत इत्यादि को मनोनीत किया गया।
आपको बता दें कि नरेन्द्र सिंह कैन्तुरा पूर्व में भी सन् 2009 से सन् 2016 तक संयुक्त रोटेशन व्यवस्था समिति उत्तरकाशी के अध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में श्री काशी विश्वनाथ ट्रक एसोशिएशन उत्तरकाशी के अध्यक्ष हैं। सभी वाहन स्वामियों के द्वारा नरेंद्र कैन्तुरा के पुराने कार्यकाल का अवलोकन करते हुए सभी वाहन स्वामियों ने सर्वसम्मति से श्री कैन्तुरा को पुनः निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित किया है। वाहन स्वामियों ने जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व में नरेंद्र कैन्तुरा का कार्यकाल बहुत ही अच्छा रहा है और पूर्व में उनके अच्छे कार्यकाल को देखते हुए सभी वाहन स्वामियों ने पुनः उन पर अपना विश्वास जताया है।
तो वही नवनियुक्त अध्यक्ष श्री कैन्तुरा ने भी सभी वाहन स्वामियों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि वह पूरी कार्यकारिणी के साथ पूर्व की भांति वाहन स्वामियों के हित में कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे उन्होंने विगडी हुई व्यवस्था को पटरी पर लाना अपनी पहली प्राथमिकता बताया। और सुख दुःख में सभी वाहन स्वामियों के साथ मजबूती से खड़े रहने की बात कही। श्री कैन्तुरा ने बताया कि यह कार्यकाल उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि एक तो उनके पास बस पार्किंग नहीं है और जो पार्किंग उनके पास थी वह भी नगरपालिका के द्वारा उनसे जालसाजी करके छीन ली गई और अब उनके सम्मुख बस पार्किंग को लेकर बहुत बड़ी समस्या खड़ी है। तथा जिस जगह में पहले उनकी गाडियां पार्क होती थी उस जगह पर नगर पालिका ने अपनी ही पार्किंग बना दी है और अब उन्हें नगर पालिका को पार्किंग शुल्क देना पड़ता है। इसी तरह अनेकों समस्याओं को लेकर आगे का समय उनके लिए चुनौतीपूर्ण के साथ-साथ संघर्षमय भी है।