✍️ सुभाष पिमोली थराली।
विकासखंड थराली के रतगाँव को जोड़ने वाला वैली ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। तीन वर्षो बाद पुल पर ट्रायल के बाद वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है, जिससे स्कूली बच्चों के साथ स्थानीय लोगो को भी सहूलियत मिलेगी।
रविवार देर शाय लोक निर्माण विभाग ने जेसीबी से ट्रायल लेकर अपने वाहन को लेकर रतगांव पहुंचे जहा तीन वर्षों के बाद गाड़ी को देखकर ग्रामीणों में उत्साह का माहौल देखा गया
बीती चार जून को निर्माणाधीन वैली ब्रिज ढह गया था विभाग की त्वरित कार्रवाई तथा पंचायती चुनाव को मध्य नजर रखते हुए लोक निर्माण विभाग ने एक माह के अंदर पुनः ब्रिज को जोड़कर यातायात के लिए सुचारु कर दिया है विभाग के सहायक अभियंता जगदीश चंद्र टम्टा उप सहायक अभियंता डी. एस बधाड़ी ने ट्रायल के बाद अपने वाहन को रतगांव तक पहुंचाया सोमवार से सभी छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है गौरतलब है कि यहां पर चार जून को बनकर तैयार हुआ था तब वैली ब्रिज के सपोर्ट तथा बर्थ को एक साथ हटाने के कारण अचानक क्षतिग्रस्त हो गया था। जिस कारण एक बार फिर यहां के लोगो मे आवागमन की चिंता सताने लगी, पुल का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री उत्तराखंड ने तीन इंजीनियरों को सस्पेंड भी कर दिया और ठेकेदार को दोबारा पुल बनाने का आदेश दिया ठेकेदार द्वारा पुल को खोलकर 15 जून से दोबारा पुल को जोड़ने का कार्य शुरू किया जो एक माह के बाद बनकर तैयार हो गया है पुल बनने के बाद जहां ग्रामीणों में उत्साह का माहौल है वही वही 24 तारीख को होने वाले मतदान के लिए यहां स्थित रतगांव चेक तथा गुठ के मतदान केन्द्रो तक पोलिंग पार्टियों को पहुंचने के लिए पैदल नहीं नापना पड़ेगा बतादे इस पुल की लंबाई लगभग तीन करोड़ रुपए की लागत से 60 मीटर लम्बे स्पान के पुल का निर्माण किया । पहले वर्ष 2013 में डुंग्री-रतगावं मोटर मार्ग पर इसी स्थान पर बनाया गया मोटर पुल प्राणमती नदी मे अतिवृष्टि् के कारण बह गया था। उसके बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 में वैली ब्रिज का निर्माण किया था जो वर्ष 2018 मे भी दैवीय आपदा में बह गया था उस समय ढाढरबगड़ में कई दुकानें, आवासीय भवन और वाहन बह गये थे। इसके बाद से रतगांव का संपर्क हर साल बरसात में चार महीने कटा रहता है ।ग्रामीण लगातार यहां पर मोटर पुल या वैलीब्रिज की मांग करते आ रहे थे। जिस पर शासन ने यहां के लिए वर्ष 2024मे 60 मीटर लंबे स्पान के वैलीब्रिज बनाने की स्वीकृति दी थी। लोनिवि ने इस वैली ब्रिज का निर्माण तीन माह पूर्व शुरू किया था। जब पुल लगभग जुड़ गया था तभी ठेकेदार और विभाग की लापरवाही से चार जून को पुल अचानक बीच से टूट गया गनीमत रही कि उस दौरान वहां पर कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ अब पुल बनने से लोगो ने राहत की सांस ली।