
आज उतराखंड क्रांति के पूर्व महानगर अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ परवीन चंद रमोला के नेतृत्व में देहरादून के निजी स्कूलों में हो रहे शिक्षकों के मानसिक शोषण तथा वेतन ना दिये जाने को लेकर जिलाधिकारी देहरादून को ज्ञापन प्रेषित किया गया, रमोला ने कहा कि शिक्षा के केंद्र के रूप में विख्यात देहरादून पूरे देश में विशिष्ट स्थान रखता है, लेकिन आज जिस प्रकार से निजी स्कूल संचालकों ने स्कूल को मात्र धन अर्जन का जरिया एवं शिक्षा का व्यापारीकरण किया जा रहा है, इससे नकारात्मक प्रभाव छात्रों के भविष्य पर पड़ना निश्चित है, साथ ही निजी स्कूलों के शिक्षकों का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है,
उन्होंने कहा कि शीशमबाड़ा में संचालित निजी स्कूल, दून युधिष्ठर पब्लिक स्कूल जिसके प्रबंध निदेशक युधिष्ठर मुंज्याल हैं, वहाँ पर कार्यरत महिला शिक्षकों पर स्कूल के निदेशक राजीव सिंघल तथा अंजलि पँवार द्वारा मानसिक रूप से उत्पीड़न किया जा रहा है, विद्यालय की एच आर पॉलिसी में अनियमितताए हैं, और विद्यालय द्वारा प्रत्येक वर्ष अपने निजी लाभ के लिए प्रारूप को बदल दिया जाता है।
युवा उक्रांद के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि इस स्कूल द्वारा शिक्षकों के तीन माह के वेतन को सेक्योरिटी के तौर पर रखा जाता है, जो कि सीबीएससी के नियमों के विरुद्ध है। वर्तमान में कई शिक्षकों का वेतन के साथ ही सेकुरिटी राशि भी रोकी गयी है।
केंद्रीय महामंत्री बृज मोहन सज्वाण जब भी कोई शिक्षक विद्यालय से त्यागपत्र देता है, तो एच आर पॉलिसी के अंतर्गत उसे तीन माह का नोटिस पीरियड नियमित रूप से पूर्ण करना होता है, परंतु त्यागपत्र मिलने के पश्चात विद्यालय प्रबंधन के द्वारा उस शिक्षक को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया जाता है, जिस कारण कई बार शिक्षक अपना नोटिस पीरियड पूर्ण नहीं कर पाता है इसी को आधार बना कर विद्यालय प्रबंधक उस शिक्षक का वेतन एवं सेक्योरिटी जब्त कर लेते हैं,
केंद्रीय महामंत्री किरन रावत ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन द्वारा शिक्षकों को यह भी मानसिक प्रताड़ना दी जाती है कि यदि वह विद्यालय प्रशासन की मर्जी के बिना छोड़कर जाते हैं, तो उनका नाम पछवादून के स्कूल मालिकों के ग्रुप में डाल दिया जायेगा, जिससे कि उक्त शिक्षक को भविष्य में नौकरी मिलना असंभव हो जायेगा, क्योंकि सारे निजी स्कूल संचालक वर्तमान में इसी प्रकार से शिक्षकों को प्रताड़ित करते हैं, इस स्कूल द्वारा पूर्व में भी इस प्रकार के अमानवीय कृत्य किये गए हैं।
इस स्कूल की प्रधानाध्यपिका द्वारा पुरुष शिक्षकों पर भी पूर्व में यौन शोषण का झूठा आरोप लगाया गया है, तथा इसको आधार बना कर शिक्षकों से त्यागपत्र माँगा गया, यह घटना प्रायः इस स्कूल के साथ ही अन्य निजी स्कूलों में भी सामने आई हैं, जिसके बाद शिक्षक के पास मौन रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता
भोला दत्त चमोली ने कहा कि स्कूल में पढ़ाने वाली महिला शिक्षकों ने स्पष्ट किया है कि इस विद्यालय के डायरेक्टर राजीव सिंघल द्वारा शिक्षिकाओं के साथ सार्वजनिक तौर पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है तथा मानसिक प्रताड़ना दी जाती है, साथ ही यह भी सामने आया है कि छात्र छात्राओं को डरा कर शिक्षकों के खिलाफ झूठी शिकायत तैयार की जाती है।
यह भी प्रायः सामने आया है कि स्कूल संचालकों द्वारा श्रम विभाग तथा सी बी एस सी को दिखाने के लिए उनका वेतन एकाउंट में डाला जाता है तथा बाद में उनसे कैश में राशि वापस ली जाती है,यह जी एस टी चोरी के साथ ही श्रम कानून के उलंघन एवं उनका शोषण भी है ।
स्कूल के संचालक द्वारा दून युधिष्ठर पब्लिक स्कूल में पढ़ाने वाली महिला शिक्षकों का फोटो whatsapp ग्रुप में डालकर उनकी छवि को भी धूमिल करने का कार्य किया गया है, जिससे उनकी प्रतिष्ठा एवं छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, तत्काल ऐसे ग्रुप के सभी जिम्मेदार संचालक पर कानूनी कारवाई की जाए, व फोटो हटाई जाए।
निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए तत्काल पूर्व में घोषित राज्य स्कूल मानक प्राधिकरण का गठन किया जाए, जिसमें एक वेबसाइट बनाकर स्कूलों की कक्षाओं, छात्रों, शिक्षकों की संख्या, पढ़ाए जाने वाले विषय, फीस आदि की सूचनाओं को सार्वजनिक किया जाए साथ ही निजी स्कूलों के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए वेतन भी तय किये जाए।
राज्य में निजी स्कूल द्वारा अभिभावकों से भी मासिक शुल्क के अतिरिक्त समय समय पर अन्य प्रकार से खेल, प्रदर्शनी के नाम पर पैसे लिए जाते हैं, जो कि शिक्षा नीति तथा एस सी ई आर टी के नियम के विरुद्ध है, आपसे निवेदन है कि तत्काल रूप से
दून युधिष्ठर पब्लिक स्कूल के साथ ही अवैध रूप से संचालित समस्त स्कूलों के खिलाफ कड़ी कारवाई हो तथा इनकी मान्यता तत्काल निरश्त की जाए, ताकि शिक्षा का बजरिकरण पर रोक लगे, साथ ही दून युधिष्ठर पब्लिक स्कूल के पीड़ित शिक्षकों का वेतन एवं सेकुरिटी राशि के साथ साथ अनापति प्रमाण पत्र शिक्षकों को दिया जाए,
ज्ञापन देने वालों में युवा उक्रांद के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट, परवीन चंद रमोला, यशपाल नेगी, भोला दत्त चमोली, गजेंद्र नेगी, किरन रावत, केंद्रीय मीडिया प्रभारी किरन रावत, बृज मोहन सजवाण, महानगर अध्यक्ष बिजेंद्र रावत, अनूप बिष्ट आदि रहे