
कभी सफ़ेद पोस नेताओं के इशारे पर बेगुनाहों पर कलम चलाई थी,आज अपनों ने ही खुद पर FIR लिखा दी
पवन रावत
रुद्रपुर/भवाली
उत्तराखंड पुलिस में तैनात निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। उन पर उनकी पत्नी द्वारा गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है। मामला सिर्फ घरेलू हिंसा और मानसिक उत्पीड़न तक सीमित नहीं, बल्कि धोखाधड़ी, जान से मारने की धमकी, हथियार तानने और फर्जी दस्तावेज़ बनवाने जैसे गंभीर आरोपों से जुड़ा हैं पीड़िता ने स्पष्ट किया है कि निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह ने बिना पहली पत्नी से तलाक लिए उसके साथ विवाह किया और बाद में लगातार बेटियाँ पैदा होने का ताना देते हुए उसे शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। पीड़िता का यह भी आरोप है कि आशुतोष सिंह ने जान से मारने की धमकी तक दी, बच्चों सहित उसे जंगल में ले जाकर रिवॉल्वर तान दी और बाद में कई बार जबरन कागजात पर दस्तखत कराए।
मामला यहीं नहीं रुका यह बात भी सामने आ रही है कि उक्त इंस्पेक्टर ने पहले भी अपने रसूख और राजनीतिक संबंधों का गलत इस्तेमाल करते हुए भवाली में कोरोना काल के दौरान स्थानीय निवासी नरेश पांडे, राकेश रावत, पवन रावत व खासकर महिलाओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराए थे जिसमें न्यायालय ने उन्हें दोषमुक्त क़रार दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उस दौरान एक स्थानीय नेता के इशारे पर कई निर्दोषों को टारगेट किया गया था, जिसकी शिकायत पुलिस मुख्यालय तक भी पहुंची थी और संबंधित ऑडियो भी वायरल हुआ था। यही वजह थी कि बाद में उन्हें नैनीताल जिले से हटा दिया गया था।
अब जबकि कानून ने करवट ली है तो भवाली के लोग यह भी सवाल पूछ रहे हैं कि क्या उस नेता की भी अब जवाबदेही तय होगी जिसने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर एक पुलिस अफसर को ‘औजार’ बना लिया था?
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। साथ ही आशंका जताई जा रही है कि पीड़िता को डराने-धमकाने की कोशिशें हो सकती हैं, ऐसे में प्रशासन से निष्पक्ष और ठोस कार्रवाई की मांग की जा रही है।