✍️अंकित तिवारी, डोईवाला।
पंचायत चुनावों में आजकल जो हलचल देखने को मिल रही है,वह न केवल राजनीति के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में नए बदलाव की उम्मीद भी जगा रही है। चुनावी मैदान में प्रत्याशी पूरी मेहनत और उत्साह के साथ अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, और इस बार युवाओं ने अपनी भूमिका को नए तरीके से प्रस्तुत किया है। वे सिर्फ एक मतदाता नहीं, बल्कि उम्मीदवार भी बने हैं। यह बदलाव गांव-गांव में महसूस किया जा रहा है, जहाँ युवाओं ने अपनी उम्मीदवारी का ऐलान किया है और समाज के हर वर्ग से उन्हें समर्थन भी मिल रहा है।
हालांकि, भारत के ग्रामीण इलाकों में आमतौर पर पंचायत चुनावों में बुजुर्गों का दबदबा रहा है, लेकिन इस बार यह स्थिति कुछ अलग दिखाई दे रही है। युवा प्रत्याशियों को मिल रहे समर्थन से यह संकेत मिल रहे हैं कि लोग अब बदलाव के लिए तैयार हैं। यह वाकई एक सकारात्मक संकेत है कि गांव के लोग अब अपने पुराने अनुभव के साथ-साथ युवाओं के नए दृष्टिकोण और ऊर्जा को भी मान्यता देने लगे हैं।
गांव के बुजुर्ग भी अब यह महसूस कर रहे हैं कि समाज में स्थायी बदलाव लाने के लिए युवा नेतृत्व की आवश्यकता है। वे यह समझ रहे हैं कि युवा केवल जोश और उत्साह से भरे होते हैं, बल्कि उनमें नया सोचने का और समाज के लिए नवाचार लाने का भी दम होता है। युवाओं के पास न केवल तकनीकी ज्ञान है, बल्कि वे अपनी पूरी ऊर्जा को पंचायत के विकास में लगाने के लिए तैयार हैं।
यह बदलाव केवल चुनावों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में बड़े स्तर पर मानसिकता की एक नई धारा बन रही है। अब तक जो लोग पंचायतों में बदलाव की उम्मीद नहीं रखते थे, वे अब युवाओं को एक नए अवसर के रूप में देख रहे हैं। युवा प्रत्याशियों को इस अवसर का पूरा लाभ उठाने की जरूरत है।
युवाओं को चाहिए कि वे अपनी नीतियों और विचारों को इस तरह प्रस्तुत करें कि वे न केवल गांव के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं, बल्कि समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की योजना भी रखते हैं। उनका नेतृत्व जिम्मेदारी से भरा हो और एक सशक्त पंचायत के निर्माण के लिए उनका दृष्टिकोण साफ हो।
इसी बीच, यह भी आवश्यक है कि गांव के बुजुर्ग अपने अनुभवों और मार्गदर्शन से युवा प्रत्याशियों को प्रेरित करें। दोनों पीढ़ियों का मिलाजुला नेतृत्व पंचायतों को और अधिक समृद्ध बना सकता है।
आखिरकार, यह बदलाव केवल चुनावों का मुद्दा नहीं, बल्कि हमारे समाज की नई दिशा है। युवा राजनीति में अपनी प्रभावी भूमिका निभा रहे हैं और अब समय आ गया है कि हम उनके नेतृत्व को खुले दिल से स्वीकार करें, क्योंकि यही बदलाव की कुंजी है।