सिख समाज ने भारत की स्वतंत्रता, सुरक्षा और हिंदू धर्म की रक्षा के लिए सदियों से अपना सर्वस्व समर्पित किया है। उत्तराखंड स्वयं भी इस महान समुदाय के अतुलनीय योगदान का साक्षी रहा है— चाहे सीमा सुरक्षा की बात हो, या उत्तराखंड राज्य निर्माण के संघर्ष, आंदोलन और विकास में सक्रिय भूमिका की; सिख समाज ने हर मोर्चे पर बराबर और महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उत्तराखंड के शौर्य इतिहास में वीर शहीद सरदार परमजीत सिंह जी का सर्वोच्च बलिदान सदैव अमर रहेगा।

ऐसे गौरवशाली, त्यागी और राष्ट्रनिर्माता समुदाय के प्रति कांग्रेसी नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत द्वारा अधिवक्ताओं के धरने के दौरान “12 बज गए” जैसी अशोभनीय, असंवेदनशील और अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत निंदनीय है। यह केवल एक समुदाय का नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड की अस्मिता, साहस और बलिदानी परंपरा का अपमान है।
इस गंभीर प्रकरण पर उत्तराखंड क्रांति दल युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ,श्री आशीष नेगी ने कड़ा आपत्ति दर्ज करते हुए कहा:
“सिख समाज भारत की शौर्य परंपरा का प्रतीक है और उत्तराखंड के निर्माण, सुरक्षा और विकास में इस समाज का योगदान अतुलनीय है। ऐसे समुदाय के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करना उत्तराखंड के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाने के समान है। हम हरक सिंह रावत की इस अभद्र टिप्पणी की तीव्र निंदा करते हैं और उनसे तत्काल सार्वजनिक क्षमायाचना की मांग करते हैं।”
श्री आशीष नेगी ने स्पष्ट कहा कि उत्तराखंड की शांतिप्रिय, वीर और सम्मानजनक संस्कृति में इस प्रकार की भड़काऊ, विभाजनकारी भाषा का कोई स्थान नहीं है।
उत्तराखंड क्रांति दल सदैव हर समुदाय के सम्मान, भाईचारे और उत्तराखंड की एकता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।




