✍️ इंद्रजीत असवाल, देहरादून।
देहरादून ग्राम राजावाला में समाज की साझा भूमि (ढंगार) पर अवैध रूप से लगभग 300 मीटर सड़क बनाए जाने का मामला सामने आया है। इस सड़क को बिना ग्रामसभा की खुली बैठक, बिना किसी विधिवत प्रस्ताव और बिना वैधानिक अनुमति के जेसीबी मशीन लगाकर तैयार किया गया। आरोप है कि यह कार्य नियमों को ताक पर रखकर किया गया है, जिससे समाज की भूमि पर सीधा अतिक्रमण हुआ है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जिस भूमि पर सड़क निकाली गई है, वह समाज की साझा संपत्ति है, जिसका निजी हित में उपयोग या परिवर्तन किया जाना पूरी तरह अवैध है। यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि यह रास्ता कुछ लोगों के हित साधने, निजी प्लॉटिंग और संभावित अवैध निर्माण को सुविधा देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
गंभीर विषय यह भी है कि जल जीवन मिशन की पाइपलाइन के ठीक ऊपर से ही यह सड़क बनाई गई, जिससे सार्वजनिक परियोजना की सुरक्षा और भविष्य में पेयजल आपूर्ति पर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
ग्रामीणों ने मांग की है कि—
पूरे प्रकरण की निष्पक्ष एवं उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
समाज की भूमि पर हुए अतिक्रमण को तत्काल रोका जाए।
दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
जल जीवन मिशन की पाइपलाइन को हुए संभावित नुकसान की तकनीकी जांच हो।
ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक सड़क निर्माण का नहीं, बल्कि समाज की साझा संपत्ति पर योजनाबद्ध अतिक्रमण का है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।




