✍️सुभाष पिमोली थराली।
माध्यमिक अतिथि शिक्षक एसोसिएशन उत्तराखंड ने उच्च न्यायालय में विचाराधीन मामलों में न्याय को लेकर न्याय के देवता गोलू महादेव के मंदिर में अर्जी लगाई है।और न्याय की गुहार लगाई, अतिथि शिक्षक संगठन के कुमाऊं मंडल अध्यक्ष संतोष टम्टा ने अर्जी लगा कर बताया अतिथि शिक्षक 10 वर्षों से दुर्गम तथा अति दुर्गम क्षेत्रों में निष्ठापूर्वक पठन-पाठन का कार्य कर रहे हैं। लेकिन विभाग द्वारा बिगत दो वर्षों से जनवरी और जून का मानदेय देना बंद कर दिया है। जिस कारण अतिथि शिक्षकों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। इस बाबत उच्च न्यायालय नैनीताल में मामला विचाराधीन है। इस संबंध में शिक्षकों ने जल्द न्याय की गुहार को लेकर न्याय के देवता गोलू के मंदिर में अपनी अर्जी लगाकर न्याय मांगा है।गौरतलब है कि कोर्ट में लोगों को न्याय के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।
कई मामलों में न्याय के लिए लोगों को सालों तक इंतजार करना पड़ता है। लेकिन देवभूमि में एक मंदिर ऐसा है जहां अर्जी लगाने तथा सच्ची श्रद्धा से पूजा-अर्चना करने के बाद लोगों के कोर्ट में सालों से फंसे केस पर जल्दी से न्याय मिल जाता है। न्याय दिलाने वाला ये मंदिर कुमाऊ के अल्मोडा मे स्थित है।
इस मंदिर में चितई गोलू देवता की पूजा की जाती है। इस मंदिर के देवता को न्याय का देवता कहकर बुलाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि चितई गोलू देवता भगवान शिव का एक अवतार हैं। इस मंदिर में भक्तो द्वारा मांगी गई कोई भी मनोकामना अधूरी नहीं रहती है। यहां फरियादी को अपनी मनोकामना को एक चिट्ठी मे लिखकर छोड़ देना पड़ता है। इस मंदिर में रोजाना सेकड़ो लोग अपनी मनोकामनाएं लिखकर जाते हैं। और सभी की इच्छाएं लगभग पूरी होती हैं,वही माध्यमिक अतिथि शिक्षक संगठन द्वारा भी न्याय को लेकर अपनी अर्जी पेश की है।इस मौके पर डौलू धोनी,नवल किशोर,कमला बाणी आदी मौजूद रहे।