
उक्रांद की केंद्रीय महामंत्री किरन रावत ने कहा कि भाजपा सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में व्यवस्था को लेकर न सिर्फ पंचायती राज अधिनियम अपितु माननीय सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के आदेशों की भी अवहेलना
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किरन रावत ने कहा कि सरकार के महाधिवक्ता ने माननीय उच्च न्यायालय में तीन दिन के अंदर जवाब देने का वादा किया था किंतु जवाब दाखिल करने की बजाय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई l उन्होंने कहा कि 2016 से चुनाव में रोटेशन प्रणाली के आधार पर आरक्षण था, जिससे हर वर्ग को समान प्रतिनिधित्व मिले* किंतु अब कई सीटें एक ही वर्ग के लिए आरक्षित की जा रही है , जिससे अन्य वर्ग के लोगों को मौका नहीं मिल पा रहा है l किरन रावत ने आरोप लगाया कि सरकार ने हर स्तर पर अलग-अलग फॉर्मूला अपना कर सीटों के आरक्षण को गड़बड़ कर दिया है जो की असवैधानिक है l सरकार ने चहेतो को लाभ पहुंचाने के लिए पूरी व्यवस्था से छेड़छाड़ की है l उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार कोर्ट के आदेश को मानना सरकार की जिम्मेदारी है यदि कोई प्रदेश सरकार कोर्ट का आदेश मानने से इंकार करती है तो यह संविधान का उल्लंघन माना जाएगा और इससे लोकतंत्र और न्यायपालिका की विश्वसनीयता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा l सरकार को तत्काल इस पर पुनर्विचार करना चाहिए l