✍️धनिया कोट/नैनीताल,-
जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां धनियाकोट निवासी 42 वर्षीय युवक की तबीयत बिगड़ने पर समय से इलाज न मिल पाने और लगातार ट्रैफिक जाम में फंसने के कारण मौत हो गई। घटना ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था और ट्रैफिक प्रबंधन पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
मृतक की पहचान जगमोहन सिंह पुत्र जीवन सिंह, निवासी धनियाकोट बेतालघाट ब्लॉक के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार, रविवार को उन्हें लीवर संबंधी तकलीफ हुई और खून की उल्टियां शुरू हो गईं। स्थिति गंभीर देख परिजन उन्हें निजी वाहन से गरमपानी सीएचसी लाए, जहां प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें तत्काल हायर सेंटर हल्द्वानी रेफर कर दिया।
परिजन और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने तुरंत 108 आपातकालीन सेवा को संपर्क कर एम्बुलेंस की मांग की। एक घंटे से अधिक इंतजार के बाद भी जब एम्बुलेंस नहीं पहुंची तो पता चला कि वह भोर्यो बैंड के पास खराब हो चुकी थी।
इस सूचना से आक्रोशित परिजनों को संभालना मुश्किल हो गया। सीएचसी के प्रभारी डॉ. सतीश पंत ने तत्परता दिखाते हुए सरकारी एम्बुलेंस की वैकल्पिक व्यवस्था की। लेकिन तब तक काफ़ी देर हो चुकी थी।
मरीज को लेकर एम्बुलेंस जैसे ही हल्द्वानी के लिए रवाना हुई, रास्ते में कैंचीधाम, भवाली, और रानीबाग से लेकर हल्द्वानी तक कई जगहों पर भारी जाम में फंस गई। यह वही मार्ग है जो इन दिनों पर्यटन सीज़न के चलते हर दिन वाहनों की भीड़ से जूझ रहा है।
एंबुलेंस आखिरकार जब हल्द्वानी स्थित उजाला सिग्नस अस्पताल पहुंची, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टर रजनीश के अनुसार, मरीज को मृत अवस्था में लाया गया था।
जगमोहन सिंह धनियाकोट चौक बाजार में एक छोटी दुकान चलाते थे। उनकी अचानक मृत्यु ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैला दी है। पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं, जो लगातार रो रहे हैं। गांव में मातम पसरा है और सभी लोग प्रशासन से सवाल कर रहे हैं –
“अगर एम्बुलेंस समय पर आ जाती और सड़कें खाली होतीं, तो क्या जगमोहन की जान बच सकती थी?”
यह घटना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की विफलता को उजागर करती है, बल्कि पर्यटन सीजन के दौरान ट्रैफिक नियंत्रण की लचर व्यवस्था पर भी कठोर सवाल उठाती है।
कोबरा न्यूज़ परिवार की ओर से शोक संवेदना। हम आशा करते हैं कि संबंधित विभाग और प्रशासन इस दुखद त्रासदी से सबक लेते हुए सुधारात्मक कदम उठाएंगे।