
पंचायती राज निदेशालय के निदेशक के पद पर बैठ पहाड़ विरोधी मानक बनाने वाली निधि यादव,आय से ज्यादा सम्पति के मामले की रहीं हैं आरोपी,उक्रान्द खुलवायेगा भ्रष्टाचार की सारी बन्द फाइलें…
पंचायती राज निदेशालय के निदेशक के पद पर बैठ पहाड़ विरोधी मानक बनाने वाली निधि यादव आय से ज्यादा सम्पति के मामले की भी आरोपी रहीं है।इनके अपने कार्यालय में आने का समय सुबह 10 बजे नहीं शाम को 3 बजे है,जिसके कारण निदेशालय में दूर-दराज पहाड़ी जनपदों से अपनी समस्या लेकर इनसे मिलने आने वाले लोगों को बेहद परेशानी होती है और देहरादून में रुकने हेतु होटल में कमरा लेने से लेकर खाने-पीने की व्यवस्था करने में अतिरिक्त पैसा भी बर्बाद होता।बताया जा रहा है कि ये शाम 3 बजे कार्यालय में आने के बाद अकसर देर शाम तक कार्यालय में बैठी रहती हैं,जिसके कारण कर्मचारी भी अपने घर नहीं जा पाते और परेशान होते हैं,लेकिन मजाल है इनपर कोई फ़र्क पड़े!निधि यादव आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में आरोपी भी रहीं है,हालांकि बाद में सीनियर पीसीएस अधिकारी निधि यादव को विजिलेंस से बड़ी राहत मिल गयी थी।दरअसल जुलाई 2023 में निधि यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर सतर्कता समिति ने खुली जाँच किए जाने की संस्तुति की थी। विजिलेंस की करीब एक साल तक चली जाँच के बाद उन्हें बड़ी राहत मिल गयी थी और विजिलेंस ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।निधि यादव 2005 की पीसीएस अधिकारी है,उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी संभाली है।निधि यादव कई मामलों को लेकर विवादों में भी रही हैं,निधि यादव पर उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी कई संपत्तियां खरीदने के आरोप लगे थे।पंचायती राज निदेशालय द्वारा निविदा के मानक मूल निवासियों के अनुकूल बनाने हेतु चल रहे उत्तराखंड क्रान्ति दल युवा प्रकोष्ठ के धरने का ज्ञापन लेने भी हठधर्मिता दिखाते हुये निधि अभी तक धरना स्थल पर नहीं पहुँची हैं,जिससे उक्रान्द नेताओं और कार्यकर्ताओं में जबरदस्त आक्रोश है और निधि के भ्रष्टाचार की सारी बन्द पड़ी पुरानी-नई फाइलें खुलवाने का उत्तराखंड क्रान्ति दल ने पूरा मन बना लिया है।