
पवन रावत,धौलादेवी/अल्मोड़ा।
जनपद अल्मोड़ा के विकासखंड धौलादेवी के ग्राम सेलाकोट में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन का उद्देश्य उस समय कठघरे में खड़ा हो गया, जब पारिवारिक विवाद और प्रशासनिक लापरवाही के कारण एक ग्रामीण परिवार की पानी की आपूर्ति लगातार बाधित होती रही। ग्रामीण महेंद्र सिंह बिष्ट के अनुसार, उनकी 50 वर्ष पुरानी ग्राम पंचायत की पानी की लाइन, जो उनके रिश्तेदार के खेत से होकर जाती थी, पारिवारिक विवाद के चलते जानबूझकर बंद करवा दी गई। मामले में उन्होंने तहसीलदार और एसडीएम से शिकायत की, जिसके बाद प्रशासन ने पानी की आपूर्ति बहाल करने के आदेश दिए।
लेकिन हैरानी की बात यह है कि प्रशासनिक आदेशों के बावजूद, उनके रिश्तेदारों ने दूसरी जगह से लाइन को फिर से बंद कर दिया। इससे स्पष्ट है कि स्थानीय प्रशासन की कार्यवाही का जमीनी स्तर पर कोई असर नहीं हो रहा, और असामाजिक तत्व खुलेआम आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं।
महेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि अगर हर कोई अपने खेत से गुजरने वाली पानी की लाइन को विवाद के नाम पर बंद करता रहा, तो गांव में पेयजल आपूर्ति पूरी तरह ठप हो जाएगी। उनका परिवार ना ग्राम पंचायत की पारंपरिक जल व्यवस्था से पानी ले पा रहा है, ना ही जल जीवन मिशन के अधूरे कनेक्शन से। जल जीवन मिशन अधूरा, JE ने उल्टा ग्रामीणों पर लगाए आरोप गांव के 4-5 परिवार भी अधूरे जल जीवन मिशन कार्यों से परेशान हैं। वहीं, जब ग्रामीणों ने जल निगम के जे.ई. से सवाल किया तो उन्होंने उल्टा ग्रामीणों पर पाइप चोरी का आरोप लगाकर मामले को दबाने की कोशिश की।
“कुमायूं आयुक्त से न्याय की अपील”
महेंद्र सिंह बिष्ट ने अब कुमायूं आयुक्त दीपक रावत से मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने चेताया है कि यदि इस मामले का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो वे जल निगम कार्यालय का घेराव और धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।
यह मामला न केवल प्रशासनिक संवेदनशीलता की परीक्षा है, बल्कि जल जीवन मिशन जैसे राष्ट्रीय महत्व की योजना की वास्तविक जमीनी हकीकत को भी उजागर करता है।