
कैची धाम मेला: सैनिटोरियम से आगे नहीं जा पा रही टैक्सी, स्कूटी और बाइक – स्थानीय चालकों में आक्रोश
पवन रावत भवाली/नैनीताल 17 जून
कैची धाम मेले के दौरान सैनिटोरियम से कैची धाम तक संचालित की जा रही शटल सेवा के बीच छोटे टैक्सी वाहनों, स्कूटी और बाइक चालकों को पुलिस द्वारा सैनिटोरियम से आगे बढ़ने से रोका जा रहा है। इससे स्थानीय चालक और पर्यटक दोनों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है।
स्थानीय टैक्सी, स्कूटी और बाइक चालकों का आरोप है कि प्रशासन यदि उन्हें मेला क्षेत्र में सेवा देने की अनुमति नहीं दे रहा है, तो सरकार स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत टैक्सी व दोपहिया वाहनों के लिए ऋण क्यों दे रही है? इससे स्पष्ट है कि प्रशासन स्थानीय युवाओं के रोजगार के अवसरों को सीमित करने का प्रयास कर रहा है।
स्थानीय चालकों ने बताया कि टैक्सी यूनियन द्वारा हर टैक्सी, स्कूटी और बाइक चालक से ₹100 प्रतिदिन ‘सहयोग राशि’ के नाम पर वसूली की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें सैनिटोरियम से आगे जाने नहीं दिया जा रहा। इतना ही नहीं, जो पर्यटक नैनीताल या हल्द्वानी से टैक्सी या स्कूटी किराए पर लेकर ₹700–800 प्रतिदिन का भुगतान कर कैची धाम आ रहे हैं, उन्हें भी सैनिटोरियम से आगे जाने से रोका जा रहा है और शटल सेवा से जाने को मजबूर किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि यदि शासन द्वारा इस संबंध में कोई लिखित आदेश जारी किया गया है, तो उसे सार्वजनिक किया जाए। साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाए कि स्थानीय टैक्सी, स्कूटी या बाइक चालक क्या प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा हैं या नहीं।
एक स्थानीय टैक्सी चालक ने कहा,
“हम सरकार को नियमित रोड टैक्स दे रहे हैं, फिर भी हर दिन यूनियन के नाम पर ₹100 वसूले जा रहे हैं, और ऊपर से पुलिस हमें रोके हुए है। ये खुला शोषण है।”
चालकों का कहना है कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो कैची धाम मेला केवल यूनियन और कुछ चुनिंदा लोगों के हित का कार्यक्रम बनकर रह जाएगा, और हजारों स्थानीय युवाओं का रोजगार संकट में पड़ जाएगा।
स्थानीय लोग और वाहन चालक इस पूरे मामले को प्रशासन की “मनमानी” करार दे रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि इस व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जाए, और यदि यूनियन द्वारा वसूली की जा रही है तो उसकी वैधता की भी जांच की जाए।