
उत्तराखंड शिरोमणि सम्मान–2025 से सम्मानित हुए पीयूष जोशी, सामाजिक सेवा और पारदर्शिता आंदोलन के बने प्रतीक
हल्दूचौड़, नैनीताल | पवन रावत ,24 जून 2025
राज्य स्तर पर सामाजिक सरोकारों, पारदर्शिता की मुहिम और जनहित के कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पीयूष जोशी को “उत्तराखंड शिरोमणि सम्मान–2025” से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों की मान्यता है, बल्कि उस जनचेतना का सम्मान है जिसमें हजारों युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम लोगों का श्रम और समर्पण शामिल रहा।
सम्मान के अवसर पर उन्होंने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से उन सभी संगठनों, पत्रकारों और स्वयंसेवकों का आभार जताया, जिन्होंने वर्षों से उनके सामाजिक अभियानों में साथ निभाया। उन्होंने इस सम्मान को “हर उस किसान, छात्र और बुजुर्ग को समर्पित किया जिसकी उम्मीदों को उन्होंने जमीन पर उतारने की कोशिश की।”
कई संगठनों के साथ मिलकर किए गए सराहनीय कार्य: माधवी फाउंडेशन का योगदान
COVID-19 लॉकडाउन के दौरान संस्था द्वारा 10,000 से अधिक परिवारों को राशन, दवाएं और आर्थिक मदद पहुंचाई गई। रात्रि-दिन स्वयंसेवकों ने जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाई।
RTI एक्टिविज्म: RTI एक्टिविस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड के साथ मिलकर दर्जनों आरटीआई दाखिल की गईं, जिनके चलते शिक्षा, स्वास्थ्य, खनन, पशुपालन आदि विभागों में भ्रष्टाचार उजागर हुआ। कई स्थानों पर जांच समितियां गठित हुईं और जवाबदेही तय की गई।
शिक्षा और UPSC पहल: नैनीताल पुलिस के साथ समन्वय में निशुल्क UPSC कोचिंग केंद्र की योजना प्रस्तुत की गई। अध्ययन सामग्री और मेंटरशिप नेटवर्क के माध्यम से युवाओं को मार्गदर्शन उपलब्ध कराया गया।
धरने-प्रदर्शन और जनआंदोलन: उत्तराखंड युवा एकता मंच के तहत भर्ती घोटालों, बेरोज़गारी, और शिक्षा के मुद्दों पर हल्दूचौड़ से लेकर नैनीताल तक जनसभाएं और आंदोलन किए गए। बुद्ध पार्क और राजपूत सिंह चौक जैसे स्थानों पर सरकार को घेरने वाले प्रदर्शनों में सैकड़ों युवाओं की भागीदारी रही।
स्वास्थ्य शिविरों से ग्रामीण सेवाएँ: 50 से अधिक स्वास्थ्य व नेत्र शिविरों में 1,000+ मोतियाबिंद ऑपरेशन, मुफ्त दवाएं और सलाह उपलब्ध करवाई गईं। पशु चिकित्सा शिविरों में पालतू जानवरों का मुफ्त उपचार और परामर्श प्रदान किया गया।
आवारा पशु आंदोलन: हल्दूचौड़ में बेसहारा पशुओं से हो रही सड़क दुर्घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाई गई। 12 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया, जिसके परिणामस्वरूप पशुबाड़ा और सुरक्षित मार्गों की योजना पर काम शुरू हुआ।
राष्ट्रीय स्तर पर भी मिली पहचान:
1. स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुरस्कार – 2024
2. तरुण आश्रम’ अलवर (राजस्थान) में विशेष सम्मान
❝ यह सम्मान हर उस साथी का है, जिसने न्याय, सेवा और बदलाव में विश्वास रखा। ❞
— पीयूष जोशी, अध्यक्ष – माधवी फाउंडेशन, संयोजक – उत्तराखंड युवा एकता मंच