
रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ ब्लॉक की ग्राम पंचायत रुद्रपुर में अपनी गोचर भूमि की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे ग्रामीणों पर पुलिसिया दमन की कार्रवाही निंदनीय है.
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत रुद्रपुर की करीब छह हेक्टेयर गोचर भूमि पर वर्ष 2013 में बिना ग्राम पंचायत के एनओसी के पिटकुल द्वारा विद्युत सब स्टेशन बनाने की कवायद शुरू की गई. इसका तब से विरोध किया जाता रहा है. यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है. हाईकोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद पुलिस के दम पर ग्रामीणों के गोचर की भूमि हथियाने की कोशिश करना बेहद आपत्तिजनक है. सत्ता धारी पार्टी के नेताओं के पुत्र सरकारी जमीन पर जे सी बी चला रहे हैं, लेकिन उनपर कोई कार्रवाही नहीं हो रही है, दूसरी ओर ग्रामीण जब अपने गोचर की भूमि बचाने के लिए खड़े हो रहे हैं तो उन पर पुलिसिया कार्रवाही की जा रही है. यह कतई स्वीकार्य नहीं हो सकती.
चार महीने पहले जब केदारनाथ विधानसभा का उपचुनाव होना था तो इसी जनता के सामने वोट पाने के लिए श्रीमती आशा नौटियाल आंसू बहा रहीं थीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस विधानसभा क्षेत्र का विशेष ख्याल रखने की बात कर रहे थे. चुनाव जीतने के चार महीने बाद ही लोगों का पुलिसिया दमन कराने की यह कोशिश शर्मनाक है.
राज्य सरकार इस दमनकारी नीति से बाज आये और ग्रामीणों को उनकी गोचर की भूमि का अधिकार निर्बाद्ध रूप से प्रयोग करने दे.