ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में 40 सालों तक संचालित रही एनसीसी डिविजन बंद होने से नाराजगी।
6 साल पहले बिना स्थापन्ना शिक्षकों के ही विभाग ने कर दिए थे तबादले,सैनिक बाहुल्य क्षेत्र में 1978 में हुई थी स्थापना।
गैरसैंण- 01 दिसंबर 2025
रिपोर्ट- प्रेम संगेला.
ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण जहां एक तरफ लंबे समय से बडे विकास की आश लगाए बैठी है, वहीं दूसरी तरफ पहले से संचालित शैक्षणिक सुविधाओं के बंद होने से आमजन में नाराजगी है।मामला राजकीय इंटर कालेज गैरसैंण में 40 वर्षों तक संचालित रही राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की डिविजन के बंद होने को लेकर है।एक तरफ सरकारी दावों की बात करें तो,गैरसैंण के विकास को लेकर भविष्य का बड़ा रोड मैप तैयार करने की बात की जाती रही है,वहीं धरातलीय स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है सरकारी मशीनरी के उदासीनता की कीमत यहां के नौनिहालों को चुकानी पड़ रही है।
गैरसैंण के मुख्य बाजार स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में 40 सालों तक संचालित रहा एनसीसी का सिनियर व जूनियर डिवीजन बिना कारण बताए 2018 में बंद कर दिया गया था। जिससे क्षेत्र के नौनिहाल सैन्य जीवन की आवश्यक ट्रैनिंग से रूबरू होने से वंचित हो रहे हैं.1973 में स्थापित राजकीय इंटर कॉलेज गैरसैंण में तब,क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की मांग पर सैन्य बाहुल्य क्षेत्र होने के चलते 1978 में एनसीसी की जूनियर डिवीजन शुरू की गई थी,जिसके अच्छे परिणाम और सफल संचालन के कुछ समय बाद ही एनसीसी की सीनियर डिवीजन भी संचालित की जाने लगी,इन 40 वर्षों में हाई स्कूल व इंटर स्तर पर लगभग 3 हजार से ज्यादा बच्चों ने, ट्रेनिंग लेकर एनसीसी के सर्टिफिकेट प्राप्त किए,जिसके आधार पर कई बच्चों ने खेल,शिक्षा व भारतीय सेना में सेवा का अवसर प्राप्त किया।दरअसल विद्यालय में लंबे समय तक चली एनसीसी डिविजन के बंद होने का मुख्य कारण अधिकारीयों के गैर जिम्मेदाराना रवैया ही प्रमुख रहा है,एनसीसी अधिकारीयों के रूप में संचालक शिक्षकों का बिना स्थापन्ना शिक्षकों के ही अन्यत्र स्थानांतरण कर दिया गया।जिसके बाद अन्य शिक्षकों की मामले में उदासीनता के चलते एनसीसी यूनिट को ही बंद ही करना पड़ा।
एनसीसी के नियमानुसार सहायक अधिकारी के रूप में 45 वर्ष से कम उम्र के स्थाई शिक्षक को ही जिम्मेदारी दी जाती है। वर्तमान में गैरसैंण में ये मानक पूर्ण न होने के कारण एनसीसी शुरू नहीं हो पा रही है,मामले को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कुछ माह पूर्व शिक्षा मंत्री को भी समस्या से अवगत करवाया,जिस पर जल्द निराकरण का आश्वासन तो मिला, लेकिन मामला आगे नहीं बढ पाया। मामले को लेकर प्रभारी प्रधानाचार्य कलम सिंह कठायत ने बताया कि अभिभावकों की मांग से जिला स्तरीय अधिकारीयों को अवगत करवा दिया गया है।वर्तमान में 45 वर्ष से कम उम्र के स्थायी शिक्षक विधालय में नहीं हैं।विद्यालय में खेल प्रशिक्षक का पद भी रिक्त है।एनसीसी की पूर्व की राइफलें व अन्य सामग्री पूर्ण रूप से उपलब्ध है।संख्या के मामले में जूनियर स्तर पर 35 व सीनियर स्तर पर 100 विद्यार्थियों की संख्या है।विभागीय स्तर से शिक्षक की व्यवस्था होने पर एनसीसी शुरू करवाई जा सकती है।
वहीं मामले को लेकर मुख्य शिक्षा अधिकारी चमोली श्रीकांत पुरोहित ने बिगत दिनों गोचर में आयोजित प्रेस वार्ता में उत्तराखंड अपडेट द्वारा समस्या उठाए जाने पर बताया की एनसीसी शुरू करवाए जाने को लेकर स्कूल प्रबंधन से बात कर जल्द ही शिक्षक की व्यवस्था कर एनसीसी प्रारंभ किए जाने की कार्यवाही की जाएगी।

