✍️सुभाष पिमोली थराली।
थराली नगर पंचायत के वार्ड संख्या – 2 देवराडा को नगर पंचायत से हटाकर ग्राम पंचायत मे करने की मांग को लेकर आयोजित जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने एक स्वर में वार्ड 02 देवराडा को पूर्व की भांति ग्राम पंचायत मे बनाये जाने की मांग की है । ग्रामीणों ने कहा कि जब तक देवराडा को पूर्व की भांति ग्राम पंचायत नही बनाया जाता है तब तक ग्रामीण चुनाओँ के बहिष्कार के साथ साथ सरकार के कार्यक्रमो में सहयोग नही करेंगे।
सोमबार को देवराडा के राजराजेश्वरी मंदिर परिसर में आयोजित जनसुनवाई उप-जिलाधिकारी थराली पंकज भट्ट की अध्ययता मे संपन्न हुई । जिसमें देवराडा के ग्रमीणों की राय ली गई और उनकी समस्याओं तथा मांगों को विस्तारपूर्वक समझा गया । जनसुनवाई में बवक्ताओ ने कहा कि देवराडा के ग्रामीण लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं कि उनके क्षेत्र को नगर पंचायत थराली से अलग कर पुनः ग्राम पंचायत का दर्जा दिया जाए। इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा कई बार प्रशासन को ज्ञापन सौंपे गए तथा प्रदर्शन किए गए, और शासन स्तर पर पत्राचार किया गया। इसके बावजूद जब उनकी मांगों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली तब ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2024 में लोक सभा एव 2025 में नगर पंचायत चुनाव का बहिष्कार भी किया था। इसका सीधा असर यह हुआ कि वार्ड संख्या 2 में मतदान नहीं हुआ और आज तक इस वार्ड से कोई पार्षद निर्वाचित नहीं हो पाया है। फलस्वरूप, नगर पंचायत के इस वार्ड को योजनाओं के लाभ से भी वंचित रहना पड़ रहा है। ग्रामीणों की ओर से यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि नगर पंचायत में सम्मिलित होने के कारण उन्हें कई प्रकार के करों का भुगतान करना पड़ रहा है, जो उनकी आर्थिक स्थिति के अनुकूल नहीं है। विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं और कमजोर आय वर्ग के लोगों को यह बोझ उठाना पड रहा है। उनका कहना है कि जब वे ग्राम पंचायत में थे, तब उन्हें मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना),जल जीवन मिशन के अंतर्गत रोजगार के अवसर मिलते थे, लेकिन नगर पंचायत में सम्मिलित होने के बाद यह सुविधा लगभग समाप्त हो गई है। इससे ग्रामीण महिलाएं को बेरोजगारी और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा हैं।
देवराडा के ग्रामीणों का कहना है कि नगर पंचायत क्षेत्र में रहकर वे ना तो मूलभूत सुविधाएं प्राप्त कर पा रहे हैं, ना ही शहरी विकास की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर, उन्हें ग्राम पंचायत से मिलने वाली योजनाओं से भी वंचित कर दिया गया है। इस दोहरी मार के चलते अब गांव के अधिकतर लोग पुनः ग्राम पंचायत का दर्जा दिलाने के लिए संगठित हो गए हैं। वहीं उप जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए बताया कि ग्रामीणों की समस्याओं को जन भावनाओं के अनुरूप शासन में भेजा जाएगा,
जनसुनवाई कार्यक्रम में बीडीओ नितिन धानिया थराली ,काननगो थराली जगदीश गैरोला,अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत अकबीर सिंह,महिला मंगल दल की अध्यक्ष गौरा देवी, लाल सिंह, हरिचंद सती, तेजपाल, केदार पंत,अबल सिंह, सरपंच वीरेंद्र सिंह,मंदिर समिति के अध्यक्ष भुवन हटवाल, हरेंद्र सिंह(पपू बाबा),मोहन प्रसाद देवराड़ी, पारेश्वर प्रसाद देवराड़ी, खिलाप सिंह आदि मौजूद थे।