
उत्तराखंड में PCS अधिकारी के ठिकानों पर ED की छापेमारी, ब्यूरोक्रेसी में मच गया हड़कंप।
देहरादून- 25 जून 2025
उत्तराखंड के एक पीसीएस अधिकारी के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी हुई है। ये छापेमारी कुल नौ ठिकानों पर हुई है। इस छापेमारी के बाद ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मचा हुआ है। एनएच-74 घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड के कई शहरों में एक साथ छापेमारी की। ईडी की टीमें देहरादून, काशीपुर और रुद्रपुर में तड़के ही सक्रिय हो गईं और कई पूर्व व वर्तमान अफसरों के आवासों व ठिकानों पर दबिश दी गई। इसमें एक pcs अफसर भी शामिल है
जानकारी के मुताबिक, छापेमारी उन अफसरों के घरों व दफ्तरों पर की गई है, जिन पर घोटाले से संबंधित आर्थिक अनियमितताओं में शामिल होने का संदेह है। इससे पहले भी ईडी इस मामले में कई अफसरों पर कार्रवाई कर चुकी है और लाखों रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
एनएच-74 हाईवे परियोजना के तहत मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर घोटाला सामने आया था। आरोप है कि सैकड़ों करोड़ रुपये की सरकारी राशि गलत तरीके से बांटी गई, जिसमें ज़मीन की फर्जी दरें तय कर मोटा मुआवजा दिलाया गया। इस मामले में कई राजस्व अधिकारियों, भू-माफियाओं और कुछ स्थानीय नेताओं की संलिप्तता भी सामने आई थी। प्रवर्तन निदेशालय पिछले कई महीनों से इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है। हालिया छापेमारी उसी जांच का हिस्सा है। सूत्रों के अनुसार, ईडी को कुछ नए दस्तावेज और बैंक लेनदेन के सुराग मिले हैं, जिसके आधार पर यह ताजा कार्रवाई की गई है।
क्या है पूरा मामला⤵️
मार्च 2017 में NH 74 घोटाला सामने आया था। तत्कालीन ADM प्रताप शाह ने ऊधमसिंहनगर की सिडकुल चौकी में NHI के अधिकारी, कर्मचारियों के साथ ही सात तहसीलों के तत्कालीन SDM, तहसीलदार और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। पिछले साल सितंबर माह में PCS डीपी सिंह समेत आठ के खिलाफ ED ने दाखिल किया आरोप पत्र।
मार्च 2017 में एनएच 74 घोटाला सामने आया था। तत्कालीन एडीएम प्रताप शाह ने ऊधमसिंहनगर की सिडकुल चौकी में एनएचएआई के अधिकारी,कर्मचारियों के साथ ही सात तहसीलों के तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। इस घोटाले में दो आईएएस और पांच पीसीएस अफसर निलंबित किए गए। 30 से अधिक अधिकारी, कर्मचारी, दलाल और किसानों को जेल जाना पड़ा था। *घोटाले के आरोप में तत्कालीन एसएलओ और पीसीएस अफसर दिनेश प्रताप सिंह को मुख्य आरोपी बनाया था। इस दौरान दिनेश प्रताप सिंह भी करीब 14 महीने तक जेल में रहे थे।
एसआईटी की जांच में यह घोटाला 400 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का पाया गया। वर्ष 2019 में एसआईटी ने आरोपपत्र भी दाखिल किया और दिनेश प्रताप समेत कई अधिकारियों और किसानों के खिलाफ आरोप भी तय हुए। इस बीच घोटाले की जांच के बाद ईडी भी सक्रिय हुई। ईडी ने अपनी जांच के दौरान अधिकारियों और किसानों की करोड़ों रुपयों की संपत्ति को संबद्ध किया।
ईडी गत तीन सालों से इस मामले की जांच कर रही थी। अब जांच पूरी होने के बाद ईडी ने स्पेशल ईडी कोर्ट में पीसीएस दिनेश प्रताप सिंह, किसान जिशान अहमद, सुधीर चावला, अजमेर सिंह, गुरवैल सिंह, सुखवंत सिंह, सुखदेव सिंह और सतनाम सिंह के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। इस चार्जशीट पर संज्ञान के लिए कोर्ट ने 13 सितंबर की तिथि नियत की है।