
अनुज नेगी
देहरादून : केदारघाटी अपनी विशिष्ट संस्कृति एवं धार्मिक परंपराओं के लिए विख्यात है. स्थानीय जनमानस की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा प्रसिद्ध जाख मेला उनमें से एक है. इस मेले की तैयारियां इन दिनों अंतिम चरण में हैं।
आपको बतादें कि जनपद रुद्रप्रयाग में लगने वाला प्रसिद्ध जाख मेला
पारंपरिक रूप से प्रतिवर्ष बैशाख माह की दो प्रविष्ट यानी बैसाखी के अगले दिन होता है. इस बार 14 अप्रैल को जाखधार (गुप्तकाशी) में यह मेला होगा. वैसे तो क्षेत्र के कुल 14 गांवों का यह पारंपरिक मेला है, किंतु सीधी सहभागिता केवल तीन गांवों क्रमश: देवशाल, कोठेडा और नारायणकोटी की होती है और क्षेत्र की शुचिता तथा परम्परा को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए इन तीन गांवों में मेले के तीन दिन पहले यानी अग्निकुंड तैयार करने के दिन से “लॉकडाउन” लागू कर दिया जाता है।
*गांव में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित* :
इस दौरान बाहरी लोगों यहां तक कि नाते रिश्तेदारों का भी गांव में प्रवेश वर्जित कर दिया जाता है. हालांकि बदलते दौर में वर्जनाएं क्षीण होती जा रही हैं, अपवाद भी नजर आने लगे हैं फिर भी कोशिश रहती है कि पुरानी परम्पराओं को कायम रखा जाए. लिहाजा लॉकडाउन की अवधि आज से शुरू हो गई है.