
प्रभुपाल सिंह रावत रिखणीखाल-
आगे आगे सड़क का डामरीकरण हो रहा है,पीछे से उखड़ती जा रही है?
वर्तमान में कुछ दिनों से लैंसडौन विधान सभा क्षेत्र के रिखणीखाल मेें गाडियूं पुल से दियोड तक प्रान्तीय खंड लोक निर्माण विभाग लैंसडौन के अधीन सड़क डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है।यह सड़क विगत 10 सालों बाद डामरीकरण हो रही है,इसकी हालत बहुत ही बुरी व कष्टदायक थी।लेकिन अभी भी डामरीकरण का घटियापन का उदाहरण प्रस्तुत किया जा रहा है।स्थानीय लोगों द्वारा लगातार फोन व जानकारी मिल रही है कि डामरीकरण गुणवत्तापूर्ण नहीं हो रहा है।उनका कहना है कि हम इंजीनियर तो नहीं हैं, लेकिन आगे आगे डामरीकरण हो रहा है,पीछे से उखड़ता जा रहा है।खड़ खड़ की आवाज हो रही है।सड़क स्मूथ नहीं है।डामरीकरण बिना पेवर के डाला जा रहा है।पेवर मशीन दिखाने के लिए तो है,लेकिन खराब मालूम होती है।मसाला भी बेलचा से डाला जा रहा है।डामरीकरण की परत भी कम है।सड़क का कोई लेबल नहीं है।सब काम खानापूर्ति के लिए हो रहा है।सड़क पीछे से उखड़ती आ रही है।पेवर मशीन के पीछे रोड़ रोलर चलना चाहिए। आम जनता के ऑंखों में धूल झोंका जा रहा है।अपना कमीशन बढ़ाया जा रहा है।
गाडियूं पुल के स्थानीय दुकानदार अनिल नेगी का कहना है कि डामरीकरण बहुत ही निम्न स्तर का हो रहा है।यह ज्यादा समय नहीं चलेगा। वे कहते हैं कि कयी सालों बाद तो सड़क डामरीकरण हो रहा है,वह भी घटिया बन रही है।डामरीकरण कितना समय चलेगा,ये कहना जल्दबाजी होगी।अन्य लोग भी जनप्रतिनिधियों के रौब व दबाव के कारण मूकदर्शक बने हैं। जबकि इस क्षेत्र के अधिकतर जनप्रतिनिधि व लोग स्वयं ठेकेदारी का व्यवसाय करते हैं। लेकिन वे कैसे टीका टिप्पणी कर सकते हैं। उनकी भी तो रोजी रोटी इसी व्यवसाय से चलती है।परेशानी तो आम व निम्न वर्ग के लोगों को झेलनी है,जो बसों व टैक्सियों में मनमाना किराया देकर धक्के खाने को मजबूर होते हैं।
सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को चाहिए कि इस सड़क की डामरीकरण की गुणवत्ता को परखें व पीछे से उखड़ रही डामरीकरण को दुबारा उचित व सही पैमाने पर सही पुनर्निर्माण कराएं। सड़क बार-बार नहीं बनती। इसे स्मरण रखते हुए बदलाव करें।