
*उत्तराखण्ड क्रांति दल की बची हुई राजनीति की जमीन अब खत्म हो चुकी है पहाड़ी एकता मोर्चा*
देहरादून प्रेस वार्ता : पहाड़ी एकता मोर्चा के फाउंडर
इं. डीपीएस रावत ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि यूकेडी ने नई दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के साथ साझा प्रेस वार्ता करके उत्तराखंड के मूल निवासियों के साथ विश्वाश घात किया है , जो आम आदमी पार्टी लगातार विशेष समुदाय के मौलवियों के लोगो को हर महीना पेंशन व विधानसभा में विशेष रूप से आर्थिक मदद व सीएए को सपोर्ट करने, भारतीय सेना से पुलगांव में शहीद होने पर सेना के अफसरों से सपूत मांग रही हैं, जो देश के टुकड़े टुकडे गैंग में शामिल है उस पार्टी को समर्थन करने की बात करती है!
इं. डीपीएस रावत ने कहा कि जो यूकेडी उत्तराखंड में अपनी राजनीति की जमीन अपने कुकर्मों के फलों के कारण खो चुकी है वह दिल्ली में अपनी जमीन तलाश रही है! पिछले 25 सालों से उत्तराखंड राज्य में बीजेपी कांग्रेस का शासन रहा है क्या यूकेडी खुलकर भी किसी घोटाले को उजागर करने में सफल रही है, बीजेपी कांग्रेस सपा के राज में मुजफ्फरनगर कांड हुआ क्या इसके विरोध में आजतक यूकेडी ने कोई धरना प्रदर्शन किया? यूकेडी केवल शहीदो को पुष्पों की माला पहनाकर केवल सोशल मीडिया में फोटो अपलोड करने का काम करती रही है। यूकेडी शुरू से ही बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं करती तो आज यह हालत नहीं होती इस पार्टी की, आजतक चुनावों में यूकेडी जमानत तक नहीं बचा पाई हैं, जनता ने एक बार मौका दिया पर अपने वादों मे खरा नहीं उतर सकी, केवल बीजेपी के गोद में जाकर बैठ गई हैं जो कि आजतक उठ नहीं पाई हैं।
इं. डीपीएस रावत ने कहा यह वही यूकेडी हैं को यूकेडी को खत्म करने के लिए पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने एक और यूकेडी डेमोक्रेटिक को जन्म दिया और यूकेडी को पूरा खत्म कर दिया था, क्या क्षेत्रीय दल को खत्म करने के लिए यह सब कुछ हुआ जैसा कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी को खत्म करके दो दो नई पार्टी बना दी?
जिसका नतीजा आज जनता देख रही हैं। मैं भी चुनाव लड़ा लोकसभा 2019 में और यूकेडी से चार गुना अधिक वोट लाकर टॉप तीन में जगह बनाई, हम इस फील्ड में नए नए थे पर अच्छा प्रदर्शन किया यूकेडी से अच्छा। यूकेडी केवल चुनावों के वक्त ही नजर आती है