
रिखणीखाल-
मृतका मीनाक्षी नेगी के परिजन व बच्चे उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक से बचत खाते का भुगतान न मिलने पर दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर।
जानकारी मिली है कि मृतका मीनाक्षी नेगी पत्नी लापता बीरेन्द्र सिंह नेगी निवासी ग्राम गलैगांव, पोस्ट-गाडियूपुल (रिखणीखाल) का उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक कोटडीसैण में एकल बचत खाता है,मीनाक्षी नेगी का दिनांक 03 अप्रैल, 2025 को देहांत हो गया है।उसके खाते में लगभग 1.50 से 2 लाख रुपए की धनराशि शेष है।
मृतका का पति बीरेन्द्र सिंह नेगी पुत्र झबर सिंह नेगी लगभग 13 साल से लापता चल रहा है।उसकी तब से न कोई पत्र, न फोन ,न कोई जीवित होने की सूचना तक नहीं है।काफी ढूँढ खोज,छानबीन के बाद भी आजतक उसके जीवित होने की सूचना नहीं है।इन 13 सालों से कोई खबर नहीं है।मृतका मीनाक्षी नेगी के दो बच्चे तरण नेगी उम्र 17 वर्ष, पुत्री कंचन नेगी उम्र 15 वर्ष हैं। जिनकी देखभाल, शिक्षा दीक्षा स्वयं उनके दादा झबर सिंह नेगी करते हैं। झबर सिंह नेगी काश्तकार हैं व अपना गुजारा मजदूरी आदि से करते है,व कभी-कभार कौथिक मेलों में जलेबी आदि बनाते हैं। वे वृद्धावस्था में बैंक के चक्कर काट रहे हैं।
मृतका के ससुर झबर सिंह नेगी का कहना है कि मृतका के बैंक में जमा शेष राशि उनके आश्रित दोनों बच्चों के खाते में स्थानांतरण किये जाने की इच्छा व्यक्त करते हैं। उनके दोनों बच्चों के खाते भी उसी उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक कोटडीसैण में है। उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक उनको लगातार चक्कर कटवा रहा है,सही मार्गदर्शन व शेष धनराशि का निदान नहीं कर रहा है।
स्थानीय प्रधान, जनप्रतिनिधि, राजस्व उप निरीक्षक, तहसील प्रशासन रिखणीखाल को इस 72 वर्षीय वृद्ध की समस्या का समाधान करने में आगे आनेकी अपेक्षा करते हैं। वृद्ध शेष धनराशि को पाने के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो रहा है।उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक को भी सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की आवश्यकता है,न कि डांट फटकार कर भगा देना।