✍️वाचस्पति रयाल, नरेंद्रनगर।
क्षेत्रीय विधायक और प्रदेश के वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि पर्यावरण को बचाने के लिए वृक्षों की निगरानी एवं संरक्षण के लिए ज्योग्राफिक इनफॉरमेशन सिस्टम अपनाया जाएगा।
उनियाल ने कहा कि निरंतर घटते वन व बिगड़ते पर्यावरण के चलते भविष्य में,धरती पर मनुष्य ही नहीं हर प्राणी का जीना दूभर हो जाएगा, लिहाजा ऐसी स्थितियों और परिस्थितियों से बचने के लिए *हरेला पर्व* की सार्थकता को गहराई से लेते हुए, मानव जाति को धरती पर वृहद वृक्षारोपण कर, रोपे गए पौधों की देखभाल व सुरक्षा की चुनौती पूर्ण जिम्मेदारी निभाने के साथ,धरती पर हरियाली की नई पटकथा लिखने के लिए, मनोयोग से काम करना होगा,
प्रदेश के वन मंत्री उनियाल ने हरेला पर्व को, उत्तराखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति, पर्यावरण तथा प्रकृति के प्रति पूर्वजों की सजगता का प्रतीक बताया और प्रदेशवासियों को इस पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ व बधाइयाँ दी।
मंत्री उनियाल का कहना था कि देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के *पर्यावरण संरक्षण* एवं *हरित भारत* जैसे संकल्पों से प्रेरित होकर, वर्ष 2025 का हरेला पर्व, बदलती भौगोलिक परिस्थितियों एवं ग्लोबल वार्मिंग जैसे वैश्विक मुद्दों को दृष्टिगत रखते हुए, हमने वन विभाग के माध्यम से एक करोड़ वृक्षों के रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इस नवाचार से वृक्षारोपण का सर्वाइवल रेट (जीवित रहने की दर) बढ़ेगी तथा हम पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति अपनी सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे।
कहा कि धरती को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने व जीवन को धरती पर सुरक्षित रह पाने की दृष्टि से *हरेला पर्व* पर हम सबको सच्चे मन से, ना केवल पौधों को लगाने, बल्कि उन्हें संरक्षित करने का भी संकल्प लेने के साथ धरातल पर काम करने का दायित्व निभाना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ, हरित एवं संतुलित पर्यावरण प्राप्त हो सके।