
पवन रावत नैनीताल
“नैनीताल में ट्रैफिक और पार्किंग को लेकर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला! देखें | #Nainital #BreakingNews”
नैनीताल — उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने नैनीताल की अशोक पार्किंग में बन रही दोमंजिला पार्किंग के निर्माण पर रोक लगा दी है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश जे. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने नैनीताल में ट्रैफिक जाम से जुड़ी जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पारित किया। न्यायालय ने नगर पालिका और प्रशासन के बीच भूमि स्वामित्व को लेकर उठे विवाद को भी गंभीरता से लिया है।
मुख्य न्यायाधीश स्वयं शुक्रवार को नैनीताल के विभिन्न हिस्सों में ट्रैफिक व्यवस्था का जायज़ा लेंगे। उनके साथ एक उच्च स्तरीय कमिटी भी रहेगी। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि जब तक भूमि स्वामित्व स्पष्ट नहीं होता, तब तक निर्माण कार्य पर रोक जारी रहेगी।
ट्रैफिक प्लानिंग पर व्यापक मंथन-
पीआईएल “अजय रावत बनाम यूनियन ऑफ इंडिया” में कोर्ट ने ट्रैफिक की समस्या को लेकर कई अहम निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने आई.आई.टी.के प्रोफेसर चक्रवर्ती से नैनीताल की “वेट बेअरिंग कैपेसिटी” पर रिपोर्ट मांगी है, जिससे वाहनों की एंट्री को रेग्युलेट किया जा सके। साथ ही जी.एस.आई. की मदद से ज़मीन की क्षमता का अध्ययन करने का सुझाव दिया है।
पुलिस और प्रशासन को स्पष्ट निर्देश-
मुख्य न्यायाधीश ने पुलिस को निर्देश दिया है कि जो वाहन सड़कों पर हफ्तों से पार्क हैं, उनके खिलाफ एक तय प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाए। सार्वजनिक सूचना देकर तीन दिन बाद ऐसे वाहनों को टो किया जाए और मालिक से टोइंग शुल्क वसूला जाए।
साथ ही नगर प्रशासन को कहा गया है कि यदि निजी भूमिधारक अपनी भूमि पार्किंग के लिए लीज़ पर देना चाहें, तो उनसे प्रस्ताव मांगा जाए।
रानीबाग बनेगा ट्रैफिक कंट्रोल हब-
रानीबाग की 35 एकड़ भूमि को ट्रैफिक शटल हब के रूप में विकसित करने की योजना पर कोर्ट ने गंभीरता दिखाई है। मुख्य न्यायाधीश ने यहां सीसीटीवी, माइक-स्पीकर सिस्टम, पुलिस सुरक्षा और खानपान जैसी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
सीएससी चंद्रशेखर सिंह रावत ने कोर्ट को बताया कि ट्रैफिक नियंत्रण के लिए पांच चरणों वाला प्लान बनाया गया है। भीड़ के समय गाड़ियों को पहले रूसी बाईपास, फिर काठगोदाम और कालाढूंगी में रोका जाएगा। ड्रोन से निगरानी की व्यवस्था भी की जाएगी।
पर्यटन और होटलों पर भी नजर-
आई.आई.टी. के प्रोफेसर चक्रवर्ती ने कैंची धाम, काठगोदाम, भवाली, भीमताल जैसे स्थानों का पुलिस के साथ निरीक्षण किया। उन्होंने सुझाव दिया कि होटलों और होमस्टे पर नियमन हो और काठगोदाम व कालाढूंगी में बेहतर पार्किंग बनाई जाए।
न्यायालय की सख्ती: “केवल 20 गाड़ियों के लिए 5.26 करोड़?”
नगर पालिका के अधिवक्ता देवेंद्र पाटनी ने कोर्ट को बताया कि वर्तमान में अशोक पार्किंग में 90 गाड़ियाँ खड़ी होती हैं। प्रस्तावित दोमंजिला पार्किंग की लागत 5.26 करोड़ रुपये है, जिससे कुल क्षमता 110 गाड़ियों की होगी। इस पर कोर्ट ने हैरानी जताते हुए पूछा, “केवल 20 अतिरिक्त गाड़ियों के लिए इतना खर्च क्यों?”
सी.एस.सी. ने उत्तर दिया कि सरकार ने केवल राशि और निर्माण एजेंसी उपलब्ध कराई है, निर्माण का अधिकार नगर पालिका का है।
अस्पताल और चिकित्सा व्यवस्था-
सेनेटोरियम में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के निर्माण का सुझाव आया, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पहले ट्रैफिक की समस्या को प्राथमिकता दी जाएगी। भवाली स्थित सेनेटोरियम की 45 एकड़ भूमि पर पहले से कोर्ट का आदेश मौजूद है।
अगली सुनवाई सोमवार को-
सोमवार को आई.आई.टी. यह रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी कि लोड बेयरिंग कैपेसिटी जांच के लिए किन विभागों के साथ समन्वय किया जाना चाहिए। तब तक दोमंजिला पार्किंग निर्माण पर रोक जारी रहेगी।